साथियों आज का नया ब्लॉग सीधे तौर पर Current Affairs 2024 से संबंधित है और आज हम चर्चा करने जा रहें हैं भारत के दो नए रामसर क्षेत्रों के बारे में।
साथियो अभी तक भारत में कुल 80 रामसर क्षेत्र थे परन्तु दो और नए जुड़ जाने के कारण अब इनकी संख्या 82 हो गयी है। दो नए रामसर क्षेत्र इस प्रकार है –
ये दोनों ही स्थल मानव निर्मित हैं और बिहार के झाझा वन क्षेत्र में हैं।
बिहार में इन दोनों रामसर क्षेत्रो को घोषित करने के बाद अब बिहार में कुल 3 रामसर साइट हो गयी हैं जो इस प्रकार हैं –
1 – काबर झील अथवा कावर झील अथवा काबर ताल, कनवार ताल या कावर ताल बिहार के बेगूसराय जिले में मीठे पानी की एक झील है (2020 में रामसर स्थल घोषित किया गया)
2 – नागी पक्षी अभयारण्य – जमुई जिला (बिहार)
3 – नकटी पक्षी अभयारण्य – जमुई जिला (बिहार)
क्या है रामसर समझौता ?
2 फरवरी 1971 को ईरान के शहर रामसर में दलदली भूमि के रखरखाब के लिए विश्व के कई देशों के प्रतिनिधि एकजुट हुए और अपने अपने देशों में दलदली भूमि के रखरखाब के लिए रामसर क्षेत्र के रूप में घोषित किया अर्थात नम भूमि अथवा दलदली भूमि का सरंक्षण कर परिस्थितिक संतुलन को बनाये रखने का निर्णय लिया। इस प्रकार रामसर अभिसमय (रामसर समझौता) एक अंतर-सरकारी संधि है। यह सम्मेलन 1975 में लागू हुआ।
- रामसर सूची का रखरखाव रामसर सम्मेलन के सचिवालय द्वारा किया जाता है यह स्विट्जरलैंड के ग्लैंड में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन ) मुख्यालय में स्थित है।
- भारत 1982 में रामसर समझौते में शामिल हुआ था।
- रामसर समझौते के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों (नम भूमि अथवा दलदली भूमि) को रामसर स्थल घोषित किया जाता है।
- पूरे विश्व में सबसे जयादा रामसर क्षेत्र यूनाइटेड किंगडम (175 रामसर स्थल) में हैं
- जबकि दूसरे नंबर पर सबसे जायदा रामसर क्षेत्र मेक्सिको (144 रामसर स्थल) में हैं।
- भारत में सबसे बड़ा रामसर क्षेत्र पश्चिम बंगाल का सुंदरबन है
- भारत में सबसे छोटा रामसर क्षेत्र हिमाचल प्रदेश में रेणुका झील है।
- तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 16 रामसर क्षेत्र है।
- इसके बाद उत्तर प्रदेश में 10 रामसर क्षेत्र हैं।
- रामसर सम्मेलन के अंतर्गत शामिल होने वाला पहला भारतीय नमभूमि क्षेत्र 1981 में चिल्का झील (ओडिशा) और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान) था।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस – विश्व आर्द्रभूमि दिवस हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है। जिसे मनाया जाना प्रारम्भ 1997 में हुआ था
- इसी दिन 1971 में ईरान के रामसर शहर में आर्द्रभूमि की रक्षा पर अंतर्राष्ट्रीय समझौते या रामसर सम्मेलन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2024 का विषय \’वेटलैंड्स एंड ह्यूमन वेलबीइंग\’ (\’Wetlands and Human Wellbeing\’) है।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2023 का विषय “Wetland Restoration” है।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2022 का विषय \”Wetlands action for people and nature\” है।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2021 का विषय “Wetlands and Water” है।
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस 2020 का विषय “Wetlands and Biodiversity” है।
Good efforts
bahut bahut abhar mitra